अब तो ठंडी ठंडी बहे बयार तुम जल्दी बरसा दो जलधार अब तो ठंडी ठंडी बहे बयार तुम जल्दी बरसा दो जलधार
आओ हम लें ये वचन आज सब ऋतु मन में छेड़ें बसंत राग। आओ हम लें ये वचन आज सब ऋतु मन में छेड़ें बसंत राग।
दो पैर, इक दिल, दो आँखें दीं हैं सबको हाँ ! लेकिन दो हाथों से बन जाते महान। दो पैर, इक दिल, दो आँखें दीं हैं सबको हाँ ! लेकिन दो हाथों से बन जाते महान।
गुलमोहर तू यह तो बता सिन्दूरी बन क्यों बसते हो। गुलमोहर तू यह तो बता सिन्दूरी बन क्यों बसते हो।
बस माँ की आशीष-पाल से, चलती है जीवन नौका। बस माँ की आशीष-पाल से, चलती है जीवन नौका।
आम , नीम , पीपल और बरगद , देते सबको छाँव भर - भर कर , जब शहर बने इनके हत्यारे , तो आम , नीम , पीपल और बरगद , देते सबको छाँव भर - भर कर , जब शहर बने इनके हत्य...